प्राचीन भारत में हिंदु देवों पर आधारित राजाओं के नाम!!!

 भारत में प्राचीनकाल से ही देवों और ऋषियों पर आधारित नामकरण की प्रथा रही है। आज भी अपने - अपने इष्ट जैसे राम और कृष्ण पर आधारित नाम - रामदास, रामशर्मा, माधव, मोहन आदि रखे जाते हैं।

प्राचीनकाल में भारत के विभिन्न भागों के राजाओं के नाम भी हिंदु या वैदिक देवों पर आधारित थे। प्रायः पांचाल मित्र राजाओं के नामों से तो सभी परिचित हैं हीं, जिनके नामों के साथ - साथ वैदिक देवों के अंकन भी हमें सिक्कों पर मिलते हैं, जैसे - अग्नि मित्र, इंद्र मित्र, भानु मित्र, विष्णु मित्र आदि। किंतु इस लेख में हम मथूरा, कौशांबी के कुछ राजाओं के नाम बतायेगें, जो कि हिंदु देवों पर आधारित है। इन राजाओं के प्राचीन सिक्के तथा उन पर ब्राह्मी लिपि में लिखे नामों को आज हम देखेगें। ये सिक्के प्रायः २०० ईसापूर्व से १ ईस्वी तक के हैं।


कौशांबी के राजा वरुण मित्र - 

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यह कौशांबी के शासक वरुण मित्र का सिक्का है, इस पर ब्राह्मी में वरुण मि (त) (स) देखा जा सकता है। यह नाम वैदिक देव वरुण पर आधारित है। वरुण देव पर अनेकों मंत्र वेदों में प्राप्त होते हैं। जैसे - 
"नमस्ते रजन्वरुणास्तु" - अथर्ववेद १.१०.२ 

मथूरा के शासक ब्रह्ममित्र - 
- भारतीय सिक्के - एक ऐतिहासिक परिचय, पेज नं. 28, चित्र क्रं. 124



यह मथूरा के शासक ब्रह्ममित्र का सिक्का है। यह नाम वेदों में वर्णित ब्रह्म पर आधारित है। इस पर ब्राह्मी लिपि में ब्रह्ममितस देखा जा सकता है। वेदों में ब्रह्म ईश्वर का वाचक है। इस पर अनेकों मंत्र है, जैसे - ओ३म् खं ब्रह्म - यजुर्वेद ४०.१७

मथूरा के शासक सूर्यमित्र - 

- भारतीय सिक्के - एक ऐतिहासिक परिचय, पेज नं. 28, चित्र क्रं. 121



यह मथूरा से प्राप्त राजा सूर्य मित्र का सिक्का है। यह वैदिक देव सूर्य पर आधारित नाम है। इस पर प्राकृत भाषा में तथा ब्राह्मी‌लिपि में "(सू) य मि त स अर्थात् सूर्यमित्रस (संस्कृत) लिखा है। सूर्य देव पर भी अनेकों मंत्र वेद संहिताओं में है - 
"सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च" - यजुर्वेद ७.४२

कौशांबी के राजा अगिमित - 

- भारतीय सिक्के - एक ऐतिहासिक परिचय, पेज नं. 27, चित्र क्रं. 101


यह कौशांबी के शासक अगिमित का सिक्का है। यहां अगि शब्द संस्कृत के अग्नि का प्राकृत रुप है। इस सिक्के पर ब्राह्मी लिपि में - अगिमित (स) देखा जा सकता है। यह नाम वैदिक देव अग्नि पर आधारित है। ऋग्वेद का प्रथम मंत्र भी अग्नि पर ही है - 
"अग्निमीळे पुरोहितों यज्ञस्य। देवमृत्विजम् होतारं रत्नधातमम्" - ऋग्वेद १.१.१

मथूरा के शासक विष्णु मित्र - 

- भारतीय सिक्के - एक ऐतिहासिक परिचय, पेज नं. 28, चित्र क्रं. 123


यह मथूरा के शासक विष्णु मित्र का सिक्का है। इस पर ब्राह्मी में विष्णु मित (स) लिखा है। यह विष्णु देव पर आधारित नाम है। विष्णु देव का नाम वेदों से लेकर पुराणों तक प्रसिद्ध है। उनके १०, २४ आदि अवतार भी पुराण कथाओं में उल्लेखित हैं। वेदों में विष्णु देव सम्बंधित मंत्र - 
"इदं विष्णुर्विचक्रमे त्रेधा निदधे पदा। समूढमस्य पंसुरे॥" - अथर्ववेद ७.२७.४

कौशांबी के राजा रामदत - 

- भारतीय सिक्के - एक ऐतिहासिक परिचय, पेज नं. 27, चित्र क्रं. 126


यह कौशांबी के राजा रामदत का सिक्का है। इस पर ब्राह्मी लिपि में रामदतस लिखा है। यह नाम भगवान राम पर आधारित है।

ऐसे अनेकों शासकों के सिक्के देखें जा सकते हैं। यहां प्रमाण के तौर पर कुछ ही दिखलाये गये हैं। इस प्रकार प्राचीन शासकों के नाम हिंदु देवों के नामों पर प्राप्त होना, दर्शाता है कि प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में हिंदु या वैदिक देवों की अत्यंत प्रतिष्ठा थी तथा लोग नामकरण में हिंदु देवों के नामों का प्रयोग करते थे।

संदर्भ स्रोत -
1) भारतीय सिक्के - एक ऐतिहासिक परिचय - अमितेश्वर जा

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