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Showing posts from October, 2023

सिन्धु - सरस्वती सभ्यता में अंगूठियों का प्रयोग !!!

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आज इस लेख में हम सिंधु सरस्वती सभ्यता में अंगुठियों के प्रयोग के बारे में जानेगें। क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि अंगुठियों का प्रचलन भारत में मौर्यकाल से पहले नहीं था। हालांकि संस्कृत साहित्यों में अंगूठी के लिए मुद्रिका, अङ्गुलिय जैसे शब्दों का प्रयोग देखने को मिलता है। वाल्मीकि रामायण में भी अंगूठी का उल्लेख प्राप्त होता है - "रामनामाङ्कित चेदं पश्य देव्यङ्गुलीयकम् " - वा. रा. सुन्दरकाण्ड, सर्ग ३६, श्लोक २  इससे अंगूठी प्रचलन की प्राचीनता ज्ञात होती है किंतु हम यहां पुरातात्विक प्रमाण भी देखेंगे, जिससे यह पूर्ण रुपेण सिद्ध हो जायेगा कि भारत में अंगूठियों का प्रयोग मौर्यकाल से भी पूर्व सिंधु सरस्वती सभ्यता (३००० ईसापूर्व से २००० ईसापूर्व) के दौरान भी होता था।  यह अंगुठियां सोने, चांदी, ताम्बे की बनती थी। सिंधु सरस्वती सभ्यता के विभिन्न स्थलों से हमें तीनों धातुओं की बनी अंगुठियां प्राप्त हुई है। (1) सोने से बनी अंगुठियां -  हरियाणा के भिवानी खेरा के सिंधु सभ्यता के स्थल से सोनें की अनेकों अंगुठियां प्राप्त हुई थी। जिनमें से कुछ अंगुठियों पर त्रिफुली जैसी कलाकृति है और...

प्राचीन भारत में ग्राम देव - देवी पूजन (साहित्यिक, अभिलेखीय और स्थापत्य के संदर्भ में)

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 भारत में प्राचीन काल से ही विभिन्न देवी देवताओं की पूजा का विधान रहा है। प्राकृतिक - दिव्य शक्तियों पर मनुष्य का विश्वास आदिम काल से ही देखा जाता है। हम लोग जिनके द्वारा लाभ प्राप्त करते हैं, उनमें देवत्व का अध्यारोपण कर लेते हैं। देवों के सम्बंध में यद्यपि अनेकों धारणाएं प्रचलित है। उनके अनेकों प्रकार भी हैं। किंतु हम ग्राम देव या देवी की बात करेगें।  भारत की संस्कृति का मूल हमें हमारे प्राचीन ग्राम में मिलता है। इन ग्रामों में आज भी ग्राम देव या ग्राम देवी के मंदिर व स्थान प्राप्त होते हैं। प्रत्येक ग्राम के अपने - अपने ग्राम देवी या देवता होते हैं। यह देव - देवी अनेकों बार हिंदू मान्यताओं के प्रचलित देव‌ या देवी ही होते हैं। जैसे - दुर्गा, शिव, गणेश, हनुमान, भैरव, राम, कृष्ण, सीता, यक्ष, गंधर्व, विधाधर आदि, अनेकों जगह लोक देव - देवी होते हैं, कुछ जगहों पर पूर्वज या यौद्धा होते हैं तो कुछ जगह कुछ प्राकृतिक शक्तियों को ही उस स्थान का ग्राम, गृह, कुल देव मान लिया जाता है।  ग्राम देवता या देवी के साहित्यिक संदर्भ हमें पुराणों से प्राप्त होते हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार कल...